मनोरम अनेक झीलें तथा उन झीलों में तैर रहे हंस, गगनचुम्बी हिमशृंखलाएँ, अनेक बुग्याल (घास के मैदान), बुग्यालों में दौड़ रहे विभिन्न जंगली मृग, बुग्यालों में नाच रहे डाँफे–मोनाल, जंगलों में खिले हुए लाल और सफ़ेद बुरांश तथा शीतल हवा इत्यादि प्राकृतिक सुंदरता ही रामारोशन की पहचान है।
धरती के लिए प्रकृति का उपहार स्वर्ग के तुल्य रामारोशन पूर्व में मलकोट, उत्तर पूर्व में रुप्सा, पश्चिम में भाटाकाटिया, दक्षिण में बाटुलासैन तथा दूर उत्तर में बड़ीमालिका मंदिर है, इसके बीचों बीच कैलाश खोला नामक नदी बहती है।
उच्च हिमालय क्षेत्र में होने के कारण यहाँ वसंत ऋतू में विभिन्न फूल एवं कलियाँ खिलती हैं। Ramaroshan समुन्द्र तल से 2050 मीटर से 3792 मीटर की ऊंचाई में स्थित है। यह क्षेत्र इतिहास, आध्यत्मिक, प्राकृतिक सौंदर्य एवं जैविक विविधता का धनी है।
रामारोशन में अनेक गुफाएं एवं झरने हैं। यह क्षेत्र अनेक पक्षियों एवं जंगली जानवरों का निवास स्थान भी है। किवंदन्ती के अनुसार रामे नाम का ग्वाला कही से यहाँ आकर रहने लगा था। यहाँ से आधे घंटे की दुरी पर दो बुग्याल है रमाइलो और रसिलो इन दोनों मैदानों को जोड़कर यहाँ के स्थानिय लोग रामेरसुन कहने लगे बाद में यहीं से नाम अपभ्रंश होकर रामारोशन हुआ।
रामारोशन क्षेत्र बारह बन्ड और अठारह खंड
रामारोशन बारह बंड और अठारह खंड के नाम से प्रसिद्ध है। बारह बन्ड का अर्थ है बारह तालाब (झील) और अठारह खंड का अर्थ है 18 बुग्याल (नेपाली में पाटन),
Ramaroshan के मनमोहक बारह बन्ड (ताल) जो इस प्रकार हैं – गेराह ताल, बाटुल्ला, रामे ताल, लामीदह, दल्याना, लिस्से डाली, डौठे खाल, ताउले, तल्लो धाउने, गाग्रे ताल, माथिल्लो धाउने और जिगाले ताल।
जिगाले ताल इन सभी तालों में सबसे बड़ा ताल है इस ताल में मछलियां भी पाई जाती हैं।
यहाँ सुन्दर अनेक झरने भी हैं जो इस प्रकार हैं दल्याना झरना, बांगे झरना, औलाघाट कैलाशखोला झरना, किनिमिनी फिस्साने झरना, रामारोशन गगन झरना, जैदेखोला दुदुल्लेबोट झरना और वडाचामल झरना।
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Ramaroshan में अनेक मनमोहक बुग्याल हैं जिनको अठारह खंड का दर्जा मिला हैं जो इस प्रकार हैं रोशन टोउका बुग्याल, ददाडी पिनालेखी बुग्याल, चिल्फु गाग्रा बुग्याल, रामे रोशन बुग्याल, बागफाल गोरेकोट बुग्याल, पिनालेखी टोट्के बुग्याल, रोशन जिगाले बुग्याल, किनिमिनि सिदुरे बुग्याल, किनिमिनी बुग्याल, चिर्किटे खालापोखर बुग्याल, रोशन बागफाल बुग्याल, पातल दल्याना बुग्याल, दल्याना रामे बुग्याल, जिउने पातल बुग्याल, गेराह जैदेखोला बुग्याल, बुग्याल, रामे रगाडे बुग्याल, और नेटाकोट साकोट बुग्याल हैं।
रामारोशन क्षेत्र में अनेक हिमालय की चोटियां हैं भी जिनमें चिन्डेनी, डडिल्ला, चका डाँडा, बगफाल, गेली हाल्ने गडा, नदाई, सर्गको घडी, ददानी, अमरपाट और थेप्चे गोरेकोट आदि प्रमुख पहाड़ियां हैं।
Ramaroshan में अनेक धार्मिक मंदिर हैं जिनमे नन्दादेवी, कालिका देवी, मालिका देवी, जाल्पादेवी, मस्टो, नीलकण्ठ और गुण लानी आदि मंदिर हैं
रामारोशन कैसे पहुंचे ?
भारत से आने वाले पर्यटक पहले धनगढ़ी आकर यहां से से अतरिया आएं
यहाँ से रात्रि बसें अछाम के साफेबगर जाती हैं। यहाँ से आप जयगढ़ के लिए बैठिये या फिर
अतरिया से सीधे जयगढ़ की गाड़ी पकड़िए यहाँ तक पहुँचने में आपको बस में 8-10 घंटे लग जायेंगे जयगढ़ से रामारोशन गाउँपालिका के लिए जीप मिलती रहती है जय गढ़ से रामारोशन गाउँपालिका 24 किलोमीटर दूर है। फिर यहाँ से रामे बेस कैंप के लिए 19 किलोमीटर सब मिलकर जयगढ़ से 43 किलोमीटर कच्ची मार्ग में सफर करना पड़ता है।
आप चाहो तो काठमांडू से सीधे धनगढ़ी हवाई जहाज से जा सकते हैं, या फिर नेपालगंज से साँफेबगर तक हवाई जहाज में जा सकते हैं, लेकिन नेपालगंज से हवाई सेवा नियमित नहीं है हफ्ते में एक बार उड़ान होती है।
काठमांडू से धनगढ़ी तक 16 घंटे बस में सफर करना पड़ता है । आप धनगढ़ी न जाकर अतरिया उतर जाइये। दिल्ली से धनगढ़ी के लिए सीधे बस सेवा है।
रामारोशन घूमने के सही समय
यहाँ घूमने के लिए उपर्युक्त समय फरवरी से जून तक ही है जुलाई के बाद बरसात शुरू हो जाती है फिर सितम्बर से जनवरी तक भारी हिमपात होती है।
रात्रि विश्राम एवं भोजन की व्यवस्था
रात्रि विश्राम एवं भोजन करने के लिए यात्रा में जयगढ़ तक आपको भरपूर होटल एवं लॉज मिलेंगी लेकिन रामारोशन क्षेत्र में 3-4 लॉज ही हैं, जो रामारोशन के बेस कैंप रामे में हैं।
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