वैसे तो जनकपुर को तालाबों का शहर कहा जाता है। यहाँ 52 तालाब हैं। प्रयेक तालाबों का अपना अलग ही धार्मिक महत्व है। छठ पूजा के दिन ये तालाब दिये की रोशनी से चकाचौंध होते हैं।
जनकपुर जिले में स्थित जनकपुर धाम नेपाल का एक पवित्र धार्मिक स्थल है। यहाँ देश से ही नहीं पुरे विश्व से श्रद्धालु भक्तजन दर्शन करने आते हैं।
धर्म शास्त्रों के अनुसार यह माता सीता का पवित्र जन्म स्थान है और यही पर भगवान् राम और सीता का विवाह हुआ था, तो आइये मैं आपको जनकपुर धाम की विस्तृत जानकारी के साथ यात्रा गाइड करता हूँ।
जनकपुर अंचल का संक्षिप्त परिचय
20 सितम्बर 2015 से पूर्व जनकपुर अंचल नेपाल का मध्यमाञ्चल विकास क्षेत्र में पड़ता था। इसके पूरब में सगरमाथा अंचल पश्चिम में नारायणी व बागमती अंचल, उत्तर में तिबत तथा दक्षिण में भारत का बिहार राज्य पड़ता है।
जनकपुर अंचल में ही गौरीशंकर हिमालय है जो अत्यंत मनोरम होने के साथ-साथ नेपाल का समय निर्धारण (UTC+5:45) इसी हिम शिकार के आधार पर किया गया है।
त्रेता युग में यहाँ राजा जनक का राज्य था और इसी राज्य में रामायण की पात्र माता सीता का जन्म हुआ था। माता सीता राजा जनक की पुत्री थीं इसलिए कालांतर पश्चात इस क्षेत्र का नाम जनकपुर अंचल पड़ा।
जनकपुर अंचल में 6 जिले थे जो इस प्रकार हैं – महोत्तरी , सर्लाही ,दोलखा , रामेछाप सिंधुली और धनुषा जिला। इन छह जिलों में से Dhanusa District माता सीता का जन्म स्थान तथा हिन्दू धर्मावलम्बियों का पवित्र धार्मिक स्थल है।
20 सितम्बर 20150 के बाद नेपाल में भारत की तरह संघीय शासन लागु किया गया और नेपाल को 7 प्रदेशों में विभाजन किया गया अब जनकपुर धाम प्रदेश नंबर 2 मधेश प्रदेश में पडता है। मधेश प्रदेश में 8 जिले क्रमशः पर्सा, बारा, रौतहट, सर्लाही, महोत्तरी, धनुषा, सिराहा और सप्तरी हैं।
धनुषा जिले का एक परिचय
धनुषा जिला नेपाल के पूर्ण मैदानी भूभाग वाला जिला है। यह भारतीय सीमा से सटा हुआ है। नेपाल के क्षेत्रफल का 0.8% तथा जनसंख्या की दृष्टि से नेपाल का पांचवा जिला है। इस जिले में विभिन्न जातियों के लोग निवास करते हैं।
भौगोलिक , सामाजिक , सांस्कृतिक एवं धार्मिक विविधता के कारण यह जिला देश विदेश में प्रसिद्ध है।
अगर आप जनकपुर की सैर करना चाहते हैं तो आज हम आपको जनकपुर धाम तथा इसके नजदीक के प्रमुख तीर्थ स्थलों की जानकारी प्रदान करेंगे।
जनकपुर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल
जानकी मंदिर ( janki Mandir)
जनकपुर धाम धनुषा जिले के जनकपुर नगरपालिका में स्थित है और यही सीता माता का विशाल मंदिर है। जो भारत और नेपाल के सम्बन्ध को मजबूत बनाता है।
जनकपुर प्राचीनकाल में मिथिला राज्य की राजधानी थी। धर्मग्रंथों रामायण काव्यों में इसका उत्कृष्ट वर्णन मिलता है। धर्म ग्रंथों के अनुसार यह स्थान स्वर्ग से भी ऊँचा है।
जनकपुर धाम प्राचीन काल से ही हिन्दू धर्मावलम्बियों का आस्था का केंद्र रहा है। जनकपुर सीता माता का जन्म स्थान है। यहां भारत से प्रतिवर्ष विवाह पंचमी के दिन दिन बारातियों के रूप में लोग तीर्थ यात्रा करने आते हैं। ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर है यह जानकी मंदिर।
इस मंदिर के निर्माण के लिए भारत के मध्यप्रदेश टीकमगढ़ की राजकुमारी वृषभानु कुमारी ने नौ लाख चांदी के अशर्फी खर्च किये थे इसलिए नौलखा मंदिर भी कहते हैं।
मुग़ल शैली में निर्मित Janki Mandhir उत्कृष्ट कला का नमूना भी है। इस मंदिर में आनेवाले हर कोई यहाँ की कलात्मक बनावट को देखकर मंत्रमुग्ध हो जाता है।
यह मंदिर निर्माण सन 1994 से शुरू होकर सन 1999 को पांच वर्ष में पूरा हुआ। जानकी मंदिर जनकपुर अंचल का सांस्कृतिक धरोहर है। नेपाल के सभी मंदिरों में से जानकी मंदिर क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा मंदिर है। इस मंदिर के स्थान पर पहले महर्षि जनक का दरबार था।
यह मंदिर जनकपुर बाजार के उत्तर पश्चिम- में स्थित है। जानकी मंदिर दूर से देखने में किसी महल जैसा दिखता है। इसके मुख्य गर्भगृह में- रामचंद्र-जानकी और लक्ष्मण की मूर्तियां बिराजमान हैं। मंदिर के गर्भगृह की फोटो खींचना मनाही है।
मंदिर में श्री जानकी विद्युतीय चलचित्र तथा सांस्कृतिक संग्राहलय है। इस संग्राहलय में मिथिला, राजा जनक और माता सीता से सम्बंधित बहुत सी वस्तुएँ रखी गई है। पूरे दिवार को मिथिला के चित्रों से सजाया गया है।
बिजली से स्वचालित भगवान् राम और माता सीता के विवाह के फेरे लेते हुए, राजा जनक हल जोतते समय सीता का जन्म, माता सीता के जन्म पर मंगल गान करते हुए नारियां, राजा जनक के गोद में बैठी सीता माता, अपनी माँ के साथ शयन करती हुई सीता माँ,
श्री तुलसी दास जी द्वारा रामायण वाचन करते हुए प्रतिमा, धनुष महायज्ञ, सीता माता के मुकुट और गहने, सीता माँ के सातों दिवस में पहने वाले वस्त्र और माता सीता भगवान् राम का मधुर भजन आहा एसा अनुभव होता है साक्षात् माँ सीता यहीं पर है।
इस संग्रहालय में प्रवेश शुल्क नेपाली 15 तथा भारू 10 रूपए है। 5 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों को ही यह शुल्क लगता है बाकि 5 वर्ष से कम छोटे बच्चों को निशुल्क प्रवेश है।
मंदिर के बाहर एक बड़ा प्रांगण है, जहाँ एक साथ- हजारों लोग बैठ सकते हैं। इस प्रांगन में फुल-मालाएं, पूजा सामग्री और मिठाइयाँ प्रचुर मात्र में मिलती हैं। यहाँ का प्रसिद्ध मिठाई मोतीचूर का लड्डू है एक लड्डू का मूल्य नेपाली 10 रुपये है।
मंदिर में नेपाल सरकार के सुरक्षा कर्मी तैनात हैं। चैत्र राम नवमी -बैसाख में जानकी नवमी मङ्सिर में रामजानकी विवाह पंचमी तथा आसोज में कोजागृ- पूर्णिमा सावन-भादों में झूला मेला लगता है।
जानकी मंदिर से 2.2 किलोमीटर दूर दूधमती नदी (Dudhmati River) बहती है। इस नदी के बारे में कहा जाता है की महाराज जनक ने सोने का हल चलाते वक्त माता सीता का जन्म हुआ था। शिशु सीता को दूध पिलाने के लिए कामधेनु गौ माता ने दूध की धारा बहाई उस धारा ने उक्त नदी का रूप धारण किया है।
विवाह मंडप (Bibaha Mandap)
जानकी मंदिर के किनारे पर ही विवाह मंडप है। पुराणों के अनुसार यही पर भगवान श्री राम ने सीता के संग विवाह किया था। आज भी विवाह पंचमी के दिन पूरी रीतिरिवाज से राम सीता का विवाह उत्सव मनाया जाता है। इस उत्सव में शामिल होने के लिए भारत के बिहार, राजस्थान, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल, उत्तरप्रदेश और महाराष्ट्र के आलावा नेपाल के अनगिनत श्रद्धालु यहाँ आते हैं।
विवाह मंडप में श्री राम व माता सीता के विवाह के सारे दृश्य मूर्तियों के रूप में दिखाए गए हैं जो बड़े ही अद्भुत लगते हैं। विवाह मंडप के आसपास श्री राम के चारों भाइयों राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघन के मंदिर हैं। विवाह मंडप में प्रवेश शुल्क नेपाली दस रुपये तथा भारतीय ६ रूपए है।
धनुष सागर (Dhanusa Sagar)
धनुष सागर श्री जानकी मंदिर के पूरब में है इससे पहले श्री राजदेवी का मंदिर है, जो बड़ा ही भव्य है। धनुष सागर (Dhanusha Sagar) के किनारे बहुत ही पुराने मूर्तियां हैं।
जो सभी को आकर्षित करती हैं। कहा जाता है की भगवान् राम ने इसी जगह पर शिव धनुष को तोडा था। यहाँ मौजूद एक पत्थर को उसी का अवशेष कहा जाता है। इस कारण इस तालाब को धनुस सागर कहते हैं।
गंगा सागर (Ganga Sagar)
गंगा सागर का इतिहास जानकी मंदिर से जुड़ा हुआ है। इस गंगा सागर में डुबकी लगाने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है यह हर भक्त का विश्वास है। Ganga Sagar में आरती का समय सुबह 7-8 बजे है।
भूतनाथ महादेव मंदिर (Bhoothnath Mahadev Tempple)
भूतनाथ महादेव का भव्य मंदिर गंगा सागर के दक्षिण पूर्व में है। इस मंदिर की महिमा इस प्रकार है, यहाँ हिन्दू धर्मावलम्बियों को मरने के बाद अनुष्ठान किया जाता है। इससे उसकी आत्मा को मुक्ति मिलती है। हिन्दू लोग इसे धार्मिक महत्व के साथ शुद्धता मानते हैं।
इसके आलावा यहाँ अनेक तालाब दसरथ सागर ,अनुराग सरोवर, सीता कुंड इत्यादि धार्मिक एवं पवित्र तीर्थ स्थल है। जानकी मंदिर में मिथिला परिक्रमा मार्ग चित्र लगा हुआ है श्रद्धालु भक्तजन मिथिला परिक्रमा भी करते हैं जिसमे माता सीता जी से जुड़े हुए अनेक तीर्थ स्थल के दर्शन होते हैं।
राम मंदिर जनकपुर (Ram Mandir)
जनश्रुति के अनुसार सुरकिशोरदास जी ने जब बहुत दिनों तक एक गाय को दूध बहाते देखा तो उसमे खुदाई करवाई जिसमें श्री राम जी की मूर्ति मिली और यही पर कुटिया बनाकर इसकी जिम्मेदारी एक सन्यासी को प्रदान किया फिर 17वीं शाताब्दी में आकर राम मंदिर बना।
इसके आसपास शिव, दुर्गा, हनुमान और जानकी मंदिर हैं। राम मंदिर जानकी मंदिर से 1.6 किलोमीटर दूर पश्चिम में है। यहाँ आप पैदल 20 मिनट और टैक्सी में 8 मिनट में पहुँच जायेंगे। विवाह पंचमी के दिन भारत के विभिन्न राज्यों से आये हुए लोग पहले राम मंदिर में आते हैं फिर बाराती बनकर जानकी मंदिर आते हैं।
रत्न सागर (Ratna Sagar)
रत्न सागर राम मंदिर के उत्तर में सटा हुआ है। पौरणिक कथाओ के अनुसार राजा जनक ने अपने दामाद को दहेज़ में अनेक रत्न दिए थे तब कितने रत्न हैं यह अनुमान लगाने के लिए रत्न यही पर रखे थे। रत्न रखने के कारण यह तालाब भर गया था तब से ही इसे रत्न सागर कहते हैं।
धनुषा धाम (Dhanusha dham)
जनकपुर के समान ही अति मत्वपूर्ण तीर्थ स्थल धनुषा धाम जनकपुर धाम से 20 किलोमीटर उत्तर – पूर्व मे स्थित है। माता सीता के स्वयंबर में भगवान् श्री राम ने शिव धनुष को उठाकर प्रत्यंचा चडाया था तब शिव धनुष टुटा और उस धनुष का एक टुकड़ा धनुषा धाम में जाकर गिरा।
आज भी यह यहाँ मौजूद है। पेड़ के जड़ जैसा दिखने वाला लेकिन जड़ भी नहीं है, किसी धातु जैसा दीखता है और यह बढ़ता ही जा रहा है। इसी को आज तक शिव धनुष का टुकड़ा मानते आ रहे हैं ।
अधिकांश श्रद्धालु जनकपुर धाम की यात्रा कर लौट जाते हैं धनुषा धाम नहीं जाते हैं। अगर आप जनकपुर आयें तो एकबार अवश्य धनुषा धाम जाएँ। धनुषा धाम से 5-6 किलोमीटर उत्तर जाने पर पूर्व-पश्चिम राजमार्ग है।
जनकपुर धाम कैसे पहुंचे ? How to Reach Janakpur Dham Nepal?
जनकपुर की यात्रा आप स्थल मार्ग, हवाई मार्ग और रेलवे से कर सकते हैं। आईए जानते हैं जनकपुर की यात्रा बस, रेल और हवाई जहाज से कैसे करें? अर्थात जनकपुर धाम कैसे पहुंचे?
सडक मार्ग से जनकपुर
जनकपुर धाम और अयोध्या के मध्य Indo-nepal बस संचालित है, अयोध्या से सीधे जनकपुर धाम बस द्वारा पहुंचा जा सकता है।
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भारत के अन्य राज्यों से आने वाले भक्तजन जयनगर आएं यह बिहार में हैं, सिमा से लगा हुआ है। यहां से बस जनकपुर जाती हैं। दूसरा रास्ता सीतामढ़ी शहर से भिट्ठामोड़ होते हुए जलेश्वर 19 किलोमीटर वहां से जनकपुर धाम 30 किलोमीटर है।
अगर आप काठमांडू से सीधे बस द्वारा आना चाहते हैं तो 400 किलोमीटर का रास्ता है जो आपको 7-8 घंटे लगेंगे। इसके अलावा नेपाल के विभिन्न शहरों से जनकपुर के लिए गाडियां जाती रहती हैं।
रेल मार्ग से जनकपुर
नेपाल सरकार ने नया रेल मार्ग का निर्माण कर जनकपुर धाम से जयनगर के लिए रेलवे सेवा प्रदान की है। बिहार राज्य का जयनगर भारत के विभिन्न राज्यों के रेलवे नेटवर्क से कनेक्ट है आप जयनगर आकर रेल द्वारा सीधे जनकपुर धाम पहुंच सकते हैं।
हवाई मार्ग से जनकपुर धाम
फ्लाइट में आने वाले यात्रियों के लिए दिल्ली से काठमांडू त्रिभुवन विमानास्थल फिर वहां से जनकपुर Local Flight से यहाँ सीधे पहुंच सकते हो।
जनकपुर में कहां ठहरें?
यहाँ यात्रियों के लिए अनेक होटल और धर्मशालाएं हैं जो साफ सुथरे होने के साथ साथ इनमे शाकाहारी भोजन मिलता है। होटल में ठहरने पर आपको एक रात के लिए Ac Room का 2000 नेपाली रुपये तथा Non Ac Room का 1250 नेपाली रुपये किराया है। वही धर्मशाला में थोड़ा सस्ता है। खाने के लिए शुद्ध शकारी 150 रुपये थाली है।
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जनकपुर धाम घूमने का अच्छा समय क्या है?
वैसे तो आप अपनी श्रद्धा अनुसार वर्ष भर जब भी चाहें जा सकता हैं, लेकिन मैं महत्वपूर्ण पर्वों की जानकारी दे रहा हूं, चैत्र राम नवमी, बैसाख में जानकी नवमी, मङ्सिर में रामजानकी विवाह पंचमी तथा आसोज में कोजागृ- पूर्णिमा सावन-भादों में झूला मेला लगता है। इस समय यहां घूमने का उपयुक्त समय है
इस मंदिर में शाम की तुलना में सुबह घूमना उचित है। दिनमे गर्मी होती है। शामके समय सूर्य पश्चिम की ओर जाने के कारण Anti light से फोटो और विडियो साफ नहीं आते हैं।
Q. जानकी मंदिर क्यों प्रसिद्ध है?
Ans – इस स्थान पर माता सीता का जन्म हुआ था जहां आज जानकी मंदिर है।
Q. सीतामढ़ी से जनकपुर की दूरी कितनी है?
Ans. 53.9 कि.मी.
Q. जनकपुर में कौन सा मंदिर है?
Ans. जानकी मंदिर ।
मैं आशा करता हूँ की आपको जनकपुर धाम यात्रा की संपूर्ण जानकारी प्राप्त हुई है। इस लेख को अपने दोस्तों के बीच अधिक से अधिक पहुंचाएं।
आपके मन में कोई प्रश्न है तो मुझे कमेंट में पूछ सकते हैं। हमारा लेख पढ़ने के लिए आपका शुक्रिया !
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