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मुसेखोला झरना : पश्चिमी रुकुम में छुपा हुआ प्राकृतिक रत्न

September 1, 2024 by Sagar Budha

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कर्णाली प्रदेश का एक सुन्दर जिला है रुकुम। यह मेरे गृह जिला जाजरकोट का पडोसी जिला है। इस सुन्दर प्रकृति से भरपूर जिले में स्थित है मुसेखोला झरना सामने कल कल बहती सानीभेरी नदी इसके ठीक ऊपर खुबसूरत दुधिया रंग का मधुर स्वर में गीत गाता हुआ, मुसेखोला झरना आहा इसके बारे में जितना वर्णन करूँ उतना ही कम है। 

सानीभेरी नदी
सानीभेरी नदी

नेपाल में असंख्य Hidden Tourist Destinations हैं। जिनको उस स्थान के स्थानीय निवासी भी नहीं जानते हैं। उन्हीं में से एक मुसेखोला झरना भी है। आज मैं आपको मुसेखोला झरना के बारे में बताऊंगा। 

यह झरना रुकुम जिले के पश्चिम भाग में सानीभेरी Rural Municipality वार्ड नंबर 4 मेघा गॉंव के खाल्चौर नामक स्थान में पड़ता है। यह झरना रुकुम जिले में होने पर भी छिपा हुआ है, क्योंकि अभी तक इस झरने के बारे में यहाँ के निवासियों को कोई जानकारी नहीं है।

Table of Contents

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  • इस झरने का नाम मुसेखोला क्यों पड़ा ?
  • इस झरने का भ्रमण कौन से समय में करना चाहिए ?
  • यहाँ कैसे पहुंचें ?
  • कहाँ ठहरें ?

इस झरने का नाम मुसेखोला क्यों पड़ा ?

पौराणिक कथा के अनुसार मुसेखोला झरने के चारों तरफ घना जंगल था। इस जंगल में जगली चूहे रहते थे। इस कारण उन जगली चूहों ने अनेकों बड़े-बड़े बिल बनाये। बाद में उन चूहों के बिल से जल श्रोत उत्पन्न हुआ फिर जलधारा का रूप लेकर झरने में परिणित हुआ। इसी कारण इस झरने का नाम मुसेखोला झरना पड़ा। नेपाली भाषा में मुसे का अर्थ “चूहा” , एवं खोला का अर्थ “नदी” होता है।मुसेखोला झरने के ऊपर मौराखारा पहाड़ी है। इस पहाड़ी पर प्रत्येक वर्ष श्रावण पूर्णिमा के दिन स्थानीय लोग, सिद्ध साईं कुमारी देवता की पूजा करते हैं।

मुसेखोला झरना
मुसेखोला झरना

इस झरने का भ्रमण कौन से समय में करना चाहिए ?

इस झरने में January से May महिने के मध्य पानी की मात्र कुछ कम होती है, इसलिए इस समय यहाँ आना ठीक नहीं रहता है। इस झरने का मनमोहक रूप देखने के लिए July से November के मध्य का समय अच्छा रहता है।

यहाँ कैसे पहुंचें ?

रुकुम जिले के जिला मुख्यालय खलंगा से Public Bus तथा Private गाड़ियों में बैठकर या पैदल यात्रा करते हुए आप माछिमी, सिमली, पेदी बाजार एवं एतिहासिक मेला लगने वाला बेल टापू के रास्ते आप मुसेखोला झरना पहुँच सकते हैं।

इसे भी पढ़िए :-

  • नेपाल जाने के लिए क्या-क्या डॉक्यूमेंट चाहिए
  • नेपाल में बस का किराया कितना है? किराया सूची 2024

जाजरकोट से आने वाले यात्रियों के लिए रिमना पहुंचकर Suspension Bridge पार कर गीठाकोट होते हुए मुसेखोला झरना पहुँच सकते हैं।

भारत से आने वाले पर्यटकों के लिए सबसे पहले आप नेपालगंज या कोहलपुर आये। फिर यहाँ से जाजरकोट के लिए गाड़ी में बैठकर आयें फिर रिमना पहुंचकर पुल पार कर गीठाकोट के रास्ते यहाँ पहुंचा जा सकता है।

कहाँ ठहरें ?

मुसेखोला झरना घुमने वाले पर्यटकों के लिए ठहरने के दो स्थान हैं। रुकुम की तरफ रुकना चाहें तो आप सिमली बाजार में ठहर सकते हैं। जाजरकोट की तरफ रुकना चाहें तो रिमना बाजार में रुक सकते हैं। यहाँ रहने के लिए आरामदायक कमरे सस्ते रेट में मिल जाते हैं। नेपाली 500 से 1000 रुपये में आप रात्रि विश्राम कर सकते हैं।

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  • जाजरकोट दरबार: कर्णाली का प्रमुख पर्यटन स्थल
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खाने में आप यहाँ की प्रसिद्ध भेरी नदी की मछलियाँ और स्थानीय व्यंजन मंडुवा की रोटी, मक्के की रोटी, सिसून की सब्जी और स्थानीय अन्य व्यंजनों का भी स्वाद ले सकते हैं।नेपाल के अन्य शहरों की तुलना में यहाँ खाना भी सस्ता है 120 रुपये में सादा खाना एवं 200 से 250 रुपये में मछली खाना, चिकन खाना तथा मटन खाना खा सकते हैं।

इसके अलावा आपका कोई और जिज्ञासा है तो नीचे कमेंट किजिएगा। धन्यवाद! त

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सागर बुढ़ा
सागर बुढ़ा

मेरा नाम सागर है। मैं नेपाल कर्णाली प्रदेश के जाजरकोट जिला का रहने वाला हूँ। मैं एक मध्यम वर्गीय किसान का बेटा होने के कारण मैंने भी अपने पिता की तरह कृषि कार्य को चुना।

यह मेरी डायरी है इसमें मैं नेपाल यात्रा से सम्बंधित सभी जानकारियाँ शेयर करता हूँ

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